Wednesday, June 24, 2009

~*~Child Labour:Bolti tasveer jhalti zindgi~*~

कहा खो गई हमारी संवेदना?














8 comments:

Seasonviews... said...

y Truth always comes with a bitterness?? reminds me that for few ppl life is nothing more than a curse..

दिनेशराय द्विवेदी said...

कब होगा आजाद ये जीवन!

Smart Indian said...

दुखद वास्तविकता

Renu goel said...

इस तरह की तस्वीरें रोज ना जाने कितनी बार हमारी आँखों के सामने से गुज़र जाती हैं और हम मूक दर्शक बने घर वापस आ जाते हैं .....

राज भाटिय़ा said...

इस लानत के हम भी जिम्मेदार है, जब हमारे आसपास यह सब घटता है तो हम क्यो चुप बेठे रहते है, जब हमारे घरो मे यही बच्चे काम करते है तो हम क्यो चुप बेठते है, जब आप होटलओ मै इन्हे देखते है, तो क्यो चुप बेठे रहते है ?? आवाज उठाओ, इन की रिपोर्ट क्यो नही करते?
धन्यवाद

Manuj Mehta said...

are these shots captured by you? if yes then i salute you for this work, good compositions and well executed. i would like to invite to my photography website too.

www.manujphoto.webs.com

बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण said...

बहुत मार्मिक तसवीरें हैं। इन बेचारे बच्चों के लिए देश अभी आजाद हुआ ही नहीं है।

shivani said...

in tasveeron ko dekh kar mun dukhi or dravit ho gaya.....sach hi inka bachpan to jaise mar hi gaya hai.....kahan se laaye hain aap ye sachchai dhoond kar....parantu yadi ye kaam n karein to bhookh inko maar degi....shayad khud marney se achcha bachpan maarna theek hai inkey liye....kyunki ye inki majboori hai khud ko jeevit rakhney ke liye.....